दिल्ली उपद्रव: FIR में दर्शन पाल, राकेश टिकैत समेत किसान नेताओं के भी नाम
अशनीर ग्रोवर 2023-09-17 21:03:33
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दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकाली गई थी. इस दौरान जगह-जगह हिंसा हुई थी. कल हुई हिंसा को लेकर अब तक करीब दो दर्जन केस दर्ज किए जा चुके हैं. एफआईआर में कई किसान नेताओं का जिक्र है.दिल्ली पुलिस इस मामले में साजिश को लेकर भी एफआईआर दर्ज करेगी. हिंसा के पीछे जो लोग हैं,दिल्लीउपद्रवFIRमेंदर्शनपालराकेशटिकैतसमेतकिसाननेताओंकेभीनाम उनका भी पता लगाया जाएगा.गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालीएफआईआर में कईकिसान नेताओं के नाम है. डॉ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह उग्राहा, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैतऔर राजेन्द्र सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है. इन नेताओं के साथ बातचीत करही दिल्ली पुलिस नेएनओसी दीथी. ट्रैक्टर मार्च के दौरान नियम तोड़ने को लेकर भी मुकदमादर्ज किया गया है.आउटर नॉर्थ जिले के समयपुर बादली थाने भी ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर भी एफआईआर दर्ज की गई है. मुकरबा चौक पर हुई हिंसा को लेकर दर्ज इस एफआईआर में उन तमाम नेताओं और उनके संगठन के नाम हैं, जिन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ एनओसी पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रैक्टर परेड के दौरान एनओसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ था. 37 किसान नेताओं और अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट, हत्या की कोशिश, साजिश, दंगा फैलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है.गौरतलब है कि इस हिंसा के कारण 86 पुलिसकर्मी और कई किसान घायल हैं. दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में कुल 18 घायल किसानों और पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है, जबकि कल शाम करीब 47 घायलों को आईएसबीटी ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट किया गया था.अब ड्रोन कैमरे के जरिए लाल किले के सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जा रही है. ड्रोन कैमरे के जरिये लाल किले के आस पास कोई उपद्रवी तो नहीं है, इसकी भी निगरानी की जा रही है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने साफ कहा है कि अब सिर्फ सुरक्षाकर्मियों का ही लाल किले पर कब्जा होना चाहिए.दिल्ली पुलिस अब जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर प्रदर्शनकारियों की पहचान करने में जुटी है. लालकिले, नांगलोई, मुकरबा चौक, सेंट्रल दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों से फुटेज निकालने के लिए स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच की मदद भी ली जा रही है.इसमें पुलिस पर हमला करने वालों, लालकिले पर चढ़ने वालों, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर पुलिस की नजरें हैं. साथ ही उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया.